नमस्कार दोस्तों!
आज हम एक ऐसे महत्वपूर्ण शैक्षिक विषय पर बात करने जा रहे हैं, जो हमारे संपूर्ण विद्यालय तंत्र को और भी सशक्त, व्यवस्थित और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है।
जी हाँ, हम बात कर रहे हैं जशपुर जिले में प्रारंभ हुए प्रधानपाठकों के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की, जिसमें शिक्षा विभाग द्वारा चयनित मास्टर ट्रेनर्स के माध्यम से जिले के सभी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानपाठकों को नेतृत्व, प्रबंधन, और शैक्षणिक गुणवत्ता से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाएगा।
आइए विस्तार से जानते हैं कि यह प्रशिक्षण क्यों ज़रूरी है, किस प्रकार इसका संचालन किया जा रहा है, और इसमें किन-किन शिक्षकों की मुख्य भूमिका है।
🌟 प्रधानपाठकों के प्रशिक्षण अभियान से जशपुर में शिक्षा का नया सूर्योदय
नेतृत्व, नवाचार और नैतिकता से सशक्त होता विद्यालय – एक जिला स्तरीय क्रांति
📍 जशपुर, छत्तीसगढ़ | 🗓 25 जुलाई 2025
🔰 भूमिका:
शिक्षा केवल ज्ञान का हस्तांतरण नहीं, बल्कि सोचने, समझने और जीवन को बेहतर ढंग से जीने की प्रक्रिया है। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाया गया प्रधानपाठकों के लिए प्रशिक्षण अभियान जशपुर जिले में शिक्षा के इसी व्यापक दृष्टिकोण की मजबूत नींव रख रहा है।
यह अभियान नेतृत्व, नवाचार और नैतिक मूल्यों के आधार पर प्राथमिक और मिडिल स्कूलों को शैक्षणिक उत्कृष्टता की दिशा में ले जाने का प्रयास है। इसमें शिक्षा को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखकर उसे ज़मीनी हकीकत, सामाजिक संदर्भ, और बाल मनोविज्ञान से जोड़ा जा रहा है।
🎓 प्रशिक्षण की शुरुआत – सोच में परिवर्तन का बीज
25 जुलाई 2025 को संकल्प शिक्षण संस्थान, जशपुर में एक प्रेरणादायक शुरुआत हुई, जब जिलेभर से चयनित मास्टर ट्रेनर्स को उन्मुख किया गया। यह सत्र केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं था, बल्कि भविष्य के शैक्षणिक नेतृत्व के लिए एक मूल्यपरक संवाद था।
मुख्य वक्ता श्री संजय दास, श्रीमती सीमा गुप्ता, संजीव शर्मा और संस्थान के प्राचार्य श्री विनोद गुप्ता ने मास्टर ट्रेनर्स को यह समझाया कि:
- प्रधानपाठक अब सिर्फ प्रशासक नहीं, शिक्षा के इनोवेशन लीडर होंगे।
- स्कूल नेतृत्व केवल उपस्थिति और गणना नहीं, बल्कि दिशा और दृष्टिकोण तय करेगा।
- शिक्षण अब विषयक पाठ नहीं, बल्कि मूल्य आधारित अनुभव होगा।
🏫 प्रशिक्षण का स्वरूप: दो स्तर, एक लक्ष्य – गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
यह प्रशिक्षण अभियान प्राथमिक (कक्षा 1–5) और मिडिल स्कूल (कक्षा 6–8) के प्रधानपाठकों के लिए विकासखंड स्तर पर क्रमश: दो चरणों में आयोजित किया जा रहा है:
-
माध्यमिक विद्यालय प्रधानपाठक (Middle School Head Teachers):
📅 28 जुलाई – 31 जुलाई 2025 -
प्राथमिक विद्यालय प्रधानपाठक (Primary School Head Teachers):
📅 1 अगस्त – 14 अगस्त 2025
📍 प्रशिक्षण स्थल: संकल्प शिक्षण संस्थान, जशपुर
📍 समावेशन: कुनकुरी, बगीचा, दुलदुला, पत्थलगांव, कांसाबेल, फरसाबहार, मनोरा और जशपुर विकासखंड
🔍 प्राथमिक विद्यालय: शिक्षा की नींव को मजबूती देने की दिशा में
✨ उद्देश्य:
शिक्षक का दृष्टिकोण बदलते ही बालक का भविष्य बदलता है।
प्राथमिक स्तर पर इस प्रशिक्षण का फोकस है:
- सीखने के प्राकृतिक ढंग को समझना
- बच्चों के साथ संवाद और सहभागिता
- खेल और गतिविधि आधारित शिक्षण
- नई पाठ्यपुस्तकों और QR कोड्स का सक्रिय उपयोग
- 'जादू पिटारा ' जैसे टूल्स से विषय को रोचक बनाना
- नवा जतन के कार्यों को विद्यालय में लागू करना
🎯 गतिविधियाँ:
- "खेलो और सीखो" आधारित शिक्षण तकनीक
- साप्ताहिक थीम आधारित शिक्षण
- मूल्य आधारित कहानियाँ और चर्चाएँ
- Storytelling, Drawing, Rhyming से भाषा सृजन
- गणितीय तर्कशक्ति के लिए काउंटर, ब्लॉक्स, पजल्स
🧒 बच्चा अब केंद्र में है, विषय नहीं।
🧠 मिडिल स्कूल: विषय आधारित गहराई और जीवन से जुड़ी शिक्षा
🎓 विषय-विशेष शिक्षण और नवीन पाठ्यक्रम:
मिडिल स्कूल प्रधानपाठकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है कि कैसे वे विषय-आधारित शिक्षण को अनुभवात्मक बनाएं, ताकि शिक्षा सिर्फ परीक्षा तक सीमित न रह जाए।
🔹 हिंदी और भाषा:
- संवादात्मक गतिविधियाँ, कहानियाँ, निबंध लेखन
- स्थानीय बोलियों से जुड़ाव
🔹 गणित:
- अवधारणा निर्माण, खेल आधारित गणित
- चार्ट, पैटर्न, रचनात्मक प्रश्न
🔹 विज्ञान:
- पर्यावरणीय प्रयोग, मिनी-लैब एक्टिविटी
- जादू पिटारी से विज्ञान की खोज
🔹 सामाजिक विज्ञान:
- मानचित्र, समयरेखा, नाटक, केस स्टडी
- स्थानीय इतिहास से जुड़ी चर्चाएँ
🔹 अंग्रेजी:
- सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना – सब एक साथ
- अभ्यास आधारित भाषा कौशल निर्माण
🌐 NEP 2020 का व्यावहारिक क्रियान्वयन: Vision to Action
शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य शिक्षा को रटंतंत्र से मुक्त करना है। यह प्रशिक्षण इसी दिशा में प्रधानपाठकों को मार्गदर्शित कर रहा है:
- 3H मॉडल (Head, Heart, Hand)
- Activity-Based Learning
- Formative Assessment आधारित मूल्यांकन
- कोर्स से जीवन तक की कड़ी जोड़ना
- Project Based Learning
- Subject Integration and Local Context इंक्लूसिओं
- 6C का उपयोग
- 5T का प्रयोग ( मुकेश कुमार का सिद्धांत)
🧩 प्रशिक्षण की संरचना: गहराई में उतरकर सिखाना
भाग | विवरण |
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मॉड्यूल प्रस्तुति | डिजिटल स्लाइड्स, QR आधारित संदर्भ |
इंटरएक्टिव सत्र | प्रश्नोत्तर, चर्चा, केस स्टडी |
समूह गतिविधियाँ | सह-शिक्षण, Microteaching |
सर्वेक्षण व फीडबैक | सुधार के लिए इनपुट |
Action Plan निर्माण | हर प्रधानपाठक द्वारा अपने विद्यालय के लिए नवाचार योजना |
🎯 शिक्षण नवाचार: खेल, जादू और सोच की शिक्षा
"अगर बच्चा खेल रहा है और सीख रहा है – तो शिक्षक जीत रहा है!"
🧸 खेल आधारित शिक्षण:
- मूवमेंट गेम्स
- एक्शन राइम्स
- गणितीय दौड़
- भाषा संवाद खेल
🪄 जादू पिटारा का उपयोग:
- विषय को चौंकाने वाला बनाना
- बच्चों में ‘Wow’ Factor पैदा करना
- शिक्षण को स्मरणीय बनाना
💻 डिजिटल टूल्स और ICT का समावेश
अब शिक्षा डिजिटल भी है, लेकिन मानवीय भी। प्रधानपाठकों को इन टूल्स से सुसज्जित किया जा रहा है:
- Diksha App,
- QR कोड वाली पाठ्यपुस्तक,
- Google Forms से आकलन,
- Abhyas Online youtube Channal/ Padlet से संवाद,
- WhatsApp Teaching ComInclusion
- 5T मॉडल - Teacher,Time,Traning, Talent, Technology ( मुकेश कुमार का सिद्धांत)
🧑🏫 मास्टर ट्रेनर्स: शिक्षा क्रांति के अग्रदूत – नेतृत्व के मजबूत स्तंभ
जिलेभर में शैक्षणिक गुणवत्ता और नेतृत्व कौशल को नए आयाम देने वाले इस परिवर्तनकारी प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर्स की भूमिका केंद्रीय है। ये शिक्षक न केवल अपने विषय में पारंगत हैं, बल्कि प्रेरक नेतृत्व क्षमता से भी भरपूर हैं।इनका चयन दक्षता, अनुभव, और शिक्षण नवाचारों के आधार पर किया गया है। इन्होंने 25 जुलाई 2025 को आयोजित उन्मुखीकरण सत्र में भाग लिया और जिलेभर में प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी और प्रतिबद्धता ली।
🏫 प्राथमिक विद्यालय हेतु मास्टर ट्रेनर्स
1. श्री मनोज अंबरस्ट
2. श्रीमती मीना सिन्हा
3. श्रीमती अर्चना यादव
4. श्रीमती देवकी प्रधान
5. श्री मुकेश कुमार
🏫 माध्यमिक विद्यालय हेतु मास्टर ट्रेनर्स:
6. श्रीमती सरिता नायक
7. श्री सत्येन्द्र प्रसाद सिंह
8. श्रीमती गायत्री देवता
9. श्रीमती रीमा यादव
10. श्री प्रवीण कुमार सिन्हा
11. श्री एलन साहू
🔶 व्यायाम शिक्षक हेतु स्रोत व्यक्ति
12. श्री अनिल श्रीवास्तव
13. श्रीमती राज किशोरी लकड़ा
14. श्रीमती गीता पटेल
🌟 सम्मान और जिम्मेदारी का समन्वय
इन सभी मास्टर ट्रेनर्स को प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न विकासखंडों के प्रधानपाठकों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये अपने अनुभव, नवाचार और मार्गदर्शन से जिले के प्रत्येक विद्यालय को नेतृत्व, शिक्षण और मूल्य आधारित शिक्षा की ओर अग्रसर करेंगे।
"मास्टर ट्रेनर्स न केवल शिक्षकों के शिक्षक हैं, बल्कि परिवर्तन के वाहक भी हैं।"
🗺️ जिला स्तर की रणनीति – गाँव-गाँव तक गुणवत्ता
हर विकासखंड में प्रधानपाठकों को स्थानीय संदर्भ में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिला शिक्षा प्रशासन द्वारा बनाए गए Monitoring and Support System के माध्यम से हर ब्लॉक में:
✅ रिपोर्टिंग
✅ फीडबैक
✅ Classroom Observation
✅ Resource Sharing
✅ Lesson Demo Tracking
📊 प्रशिक्षण का परिणाम: क्या बदलेगा?
बदलाव | प्रभाव |
---|---|
शिक्षक → लीडर | नेतृत्व कौशल विकसित होगा |
पाठ → अनुभव | विषयों में जीवंतता |
कक्षा → प्रयोगशाला | सक्रिय अधिगम वातावरण |
योजना → उद्देश्य | हर कार्य का मूल्यांकन |
पढ़ाई → समझ | दीर्घकालिक ज्ञान |
📢 सशक्त प्रधानपाठक = सशक्त विद्यालय = सशक्त भविष्य
इस प्रशिक्षण अभियान के माध्यम से जशपुर जिले में शिक्षा केवल बेहतर नहीं, बल्कि प्रेरक, प्रभावशाली और परिवर्तनकारी बन रही है।
अब हर प्रधानपाठक:
✅ नेतृत्व करेगा
✅ नवाचार अपनाएगा
✅ संवाद करेगा
✅ मूल्य और कौशल आधारित शिक्षा को आगे बढ़ाएगा
🔔 निष्कर्ष: जशपुर से उठती शिक्षा नेतृत्व की नई लहर
"शिक्षक अगर प्रेरित है, तो पूरा समाज शिक्षित है।"
जशपुर जिले में शुरू हुआ यह प्रशिक्षण अभियान न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक मॉडल बन सकता है।
यह केवल कार्यक्रम नहीं – एक आंदोलन है, जो यह सुनिश्चित करता है कि:
- हर विद्यालय में नेतृत्व स्पष्ट हो,
- हर कक्षा में नवाचार जीवित हो,
- हर शिक्षक में उत्साह और समर्पण हो,
- और हर छात्र को अवसर और प्रेरणा मिले।
📌 अब शिक्षा बनेगी नेतृत्व का पर्याय, नवाचार का स्रोत और समाज निर्माण का आधार।
🎯 जशपुर ने कदम बढ़ा लिया है – अब पीछे मुड़ना नहीं, आगे बढ़ना है… सशक्त विद्यालय, समर्थ शिक्षक और सक्षम छात्र की ओर!
तो दोस्तों,
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से छत्तीसगढ़ की शिक्षा प्रणाली एक नए युग की ओर बढ़ रही है, जहाँ प्रधानपाठक केवल प्रशासक नहीं, बल्कि शिक्षा के सशक्त मार्गदर्शक बनकर उभरेंगे।
इस प्रकार की पहलें हमारे स्कूलों को शिक्षा का आदर्श केंद्र बनाने की दिशा में बहुत बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
मुझे उम्मीद है कि मास्टर ट्रेनर्स एवं प्रधानपाठकों की सहभागिता से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलता की ऊँचाइयों को छुएगा और आने वाले समय में इसका सकारात्मक प्रभाव प्रत्येक विद्यार्थी तक पहुँचेगा।
💡 अगर आपको यह जानकारी उपयोगी लगी हो, तो कृपया इसे अपने शिक्षक साथियों और स्कूल स्टाफ के साथ साझा करें।
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धन्यवाद और जय छत्तीसगढ़ शिक्षा! 🙏