शिक्षक रत्नेश देवता की पहल: जब एक प्रतिशत ने सौ प्रतिशत उम्मीद जगा दी!

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दुलदुला से उठी शिक्षा क्रांति की अलख

💡 शिक्षक रत्नेश देवता की पहल: जब एक प्रतिशत ने सौ प्रतिशत उम्मीद जगा दी!


📍 स्थान: दुलदुला ब्लॉक, जिला जशपुर, छत्तीसगढ़
🧑‍🏫 प्रेरणादायक व्यक्तित्व: शिक्षक रत्नेश देवता
📆 संकल्प की तिथि: बेटे के जन्मदिन पर लिया गया अभूतपूर्व निर्णय
📘 संकल्प का स्वरूप: हर माह वेतन का 1% शिक्षा जागरूकता के लिए समर्पित


🌼 दुलदुला से निकली उजाले की किरण

छत्तीसगढ़ के शिक्षा नक्शे पर जब हम दुलदुला ब्लॉक को देखते हैं, तो यह क्षेत्र अब सिर्फ भूगोलिक पहचान नहीं, बल्कि शैक्षिक नवाचार की नई मिसाल बन चुका है। और इसकी वजह हैं — शिक्षक रत्नेश देवता, जिन्होंने यह साबित कर दिया कि "शिक्षक सिर्फ पढ़ाने वाला नहीं, समाज का पथ-प्रदर्शक होता है।"


🎉 एक जन्मदिन… और पूरी पीढ़ी के लिए उपहार

"मैं चाहता था कि मेरे बेटे का जन्मदिन समाज के किसी काम आए, सिर्फ केक काटने और फोटो खिंचवाने से आगे बढ़े।"
रत्नेश देवता

बेटे के जन्मदिन पर उन्होंने सिर्फ एक मोमबत्ती नहीं जलाई, बल्कि आशा की मशाल जला दी — यह तय करके कि हर महीने अपने वेतन का 1% शिक्षा जागरूकता में खर्च करेंगे।
यह कोई सरकारी योजना नहीं, कोई CSR नहीं, बल्कि एक शिक्षक की आत्मा से निकला संकल्प है।


📘 रत्नेश देवता का विज़न: शिक्षा हर दरवाज़े तक पहुँचे

शिक्षक रत्नेश देवता मानते हैं कि शिक्षा का मतलब केवल स्कूल की दीवारों के भीतर होना नहीं है। उनका उद्देश्य है:

🔹 बच्चों को कॉपी-किताबें और स्टेशनरी उपलब्ध कराना
🔹 गरीब परिवारों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करना
🔹 बालिकाओं को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना
🔹 स्कूलों में छोटी-छोटी आवश्यकताओं की पूर्ति करना
🔹 गाँवों और बस्तियों में शिक्षा संवाद आयोजित करना


🎨 दुलदुला ब्लॉक: जहाँ शिक्षक खुद बना शिक्षा का ब्रांड एम्बेसडर

दुलदुला जैसे ब्लॉकों में आज भी कई घरों में शिक्षा को आवश्यकता नहीं, विकल्प समझा जाता है। आर्थिक कमजोरी, सामाजिक परंपराएं और संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियाँ अक्सर बच्चों को स्कूल से दूर रखती हैं।

पर जब कोई शिक्षक स्वयं आगे आकर कहे —

"मैं अपना हिस्सा समाज को दे रहा हूँ, आप भी बच्चों को स्कूल भेजिए…"
तो यह बात नहीं, आंदोलन बन जाती है।


📚 जब शिक्षकों की जेब से निकलेगा भविष्य का रास्ता

शिक्षक रत्नेश देवता की यह पहल कई मामलों में अनूठी है:

पहल का क्षेत्र प्रभाव
आर्थिक सहयोग ज़रूरतमंद बच्चों को तत्काल मदद
नैतिक प्रेरणा दूसरे शिक्षकों में भी जोश
सामाजिक भागीदारी पालकों को स्कूल से जोड़ना
शिक्षा में नवाचार खुद के स्तर पर समाधान
व्यावहारिक नेतृत्व आदर्श शिक्षक की भूमिका

💬 गाँव वालों की प्रतिक्रिया: “गुरुजी अब सिर्फ गुरु नहीं रहे, देवता बन गए हैं”

जब रत्नेश देवता गाँव-गाँव जाकर बच्चों को स्टेशनरी बाँटते हैं, पालकों से बात करते हैं, और कहते हैं –

“आपकी बेटी भी पढ़ेगी, आपकी पहचान भी बढ़ेगी”
तो वहाँ सिर्फ सामान नहीं बंटता, विश्वास बंटता है, उम्मीदें बोई जाती हैं।


📈 अब बारी आपकी है – चलिए, रत्नेश देवता की प्रेरणा से हम भी एक बदलाव बनें!


रत्नेश देवता ने दुलदुला जैसे आदिवासी अंचल से उठकर यह साबित कर दिया कि परिवर्तन का पहला कदम न सरकार उठाती है, न बजट — वह कदम खुद हम उठाते हैं।

सोचिए...

🧑‍🏫 क्या हर शिक्षक अपने छात्रों के लिए सिर्फ 1% भी सोचे, तो शिक्षा में कितना बड़ा बदलाव आ सकता है?
👩‍👧 क्या हर पालक अपने बच्चों के भविष्य के लिए एक किताब कम मोबाइल खरीद ले, तो समाज कितनी ऊंचाई पा सकता है?
👨‍💼 क्या हम सब मिलकर सिर्फ एक बच्चा पढ़ा दें, तो आने वाली पीढ़ियाँ हमें कैसे याद करेंगी?


📣 शिक्षक साथियों से सीधा संवाद:

🎙️ "अब समय है chalk से talk से आगे बढ़कर, walk की ओर जाने का!"

आज देश को सिर्फ पढ़ाने वाले शिक्षक नहीं, जीने लायक सोच देने वाले शिक्षक चाहिए।
आप स्कूल में गणित पढ़ाते हैं, विज्ञान समझाते हैं — बहुत अच्छा!
अब एक कदम और बढ़ाइए — समाज में संवेदना, सहयोग और शिक्षा की संस्कृति को भी बढ़ाइए।

🔥 5 काम जो आप भी कर सकते हैं, रत्नेश देवता से प्रेरित होकर।

1. 🎁 अपने जन्मदिन या परिवार के विशेष दिन को शिक्षा समर्पित करें।

2. 📦 हर महीने एक छात्र की कॉपी-किताब की ज़िम्मेदारी लें

3. 🎤 गाँवों में शिक्षा संवाद शुरू करें – "पढ़ो-बढ़ो चौपाल" की तरह

4. 📚 स्कूल में बुक डोनेशन बॉक्स रखें — जो चाहे, योगदान दे सके।

5. ✍️ अपने अनुभवों को सोशल मीडिया या लेख के ज़रिए साझा करें, ताकि और लोग भी जुड़ें।




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🚀 जब शिक्षक बदलता है, पूरा समाज बदलता है!

शिक्षक ही वह बीज है, जिससे ज्ञान, संस्कार, और राष्ट्र की छाया निकलती है।
रत्नेश देवता ने कोई क्रांति नहीं की, बस एक चुपचाप संकल्प लिया — और वही समाज के लिए मशाल बन गया।

आप भी यह मशाल थाम लीजिए…

🔹 अपने ब्लॉक के लिए प्रेरणा बनिए
🔹 अपने विद्यालय के लिए शक्ति बनिए
🔹 अपने छात्रों के लिए आशा बनिए


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💖 अंत में एक पंक्ति… हर शिक्षक के लिए:

> “एक शिक्षक के पास जितना बड़ा पाठ्यक्रम होता है, उससे कहीं बड़ी उसकी भूमिका होती है — वह राष्ट्र निर्माता है।”


🎯 1% से 100% बदलाव का सपना

कल्पना कीजिए — यदि हर शिक्षक, कर्मचारी, व्यापारी और जागरूक नागरिक अपनी मासिक आय का सिर्फ 1% शिक्षा पर खर्च करे, तो क्या हो?

🔸 हर बच्चा स्कूल जा सकेगा
🔸 स्कूलों में संसाधनों की कमी दूर होगी
🔸 शिक्षकों और पालकों के बीच विश्वास बढ़ेगा
🔸 शिक्षा एक आंदोलन बन जाएगी, समस्या नहीं


🏆 शिक्षक की नई परिभाषा: रत्नेश देवता के शब्दों में

“शिक्षक वही जो बच्चों को किताबें नहीं, सपने पकड़ाए।”
“मैं सिर्फ अपने बेटे का भविष्य नहीं, दुलदुला ब्लॉक के हर बच्चे का भविष्य बनाना चाहता हूँ।”


📢 एक अपील… आपसे, मुझसे, हम सबसे

आज दुलदुला का एक शिक्षक अपने हिस्से से भविष्य का उजाला कर रहा है। क्या हम उसका साथ नहीं दे सकते?

🟢 क्या आप महीने में ₹100–₹200 बच्चों की शिक्षा पर खर्च नहीं कर सकते?
🟢 क्या आप एक बच्चा स्कूल भेजने में सहयोग नहीं कर सकते?

👉 यदि जवाब "हां" है — तो यह शुरुआत है।


✒️ निष्कर्ष: एक नाम, जो अब पहचान बन चुका है — रत्नेश देवता

रत्नेश देवता अब केवल एक शिक्षक नहीं, एक विचार बन चुके हैं। उनका संकल्प, उनकी सादगी, और समाज के प्रति उनका समर्पण इस बात का प्रमाण है कि —

"सच्चे शिक्षक को मंच नहीं चाहिए, उसकी प्रेरणा ही सबसे बड़ा मंच होती है।"

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