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“शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि भविष्य गढ़ने का आधार है।” इसी सोच को साकार रूप देने के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान के अंतर्गत शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने, पारदर्शिता लाने और समाज की भागीदारी सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया गया है।
मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान : जशपुर जिले के संकुल प्राचार्यों का ऐतिहासिक प्रशिक्षण डाइट में सम्पन्न 
जशपुर, अगस्त 2025।
छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा सुधार और गुणवत्ता संवर्धन की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान के अंतर्गत जशपुर जिले में ऐतिहासिक प्रशिक्षण संपन्न हुए।
- पहला आयोजन 18 अगस्त 2025 को जिला स्तरीय प्रशिक्षण के रूप में हुआ, जिसमें जिले के 149 संकुल प्राचार्य शामिल हुए।
- दूसरा आयोजन 20 अगस्त 2025 को होगा जब यही प्राचार्य अपने-अपने संकुलों में जाकर शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
इन प्रशिक्षण दिवस पर जशपुर की शिक्षा यात्रा को नई दिशा दी और जिले को राज्य स्तर पर एक अनुकरणीय मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया।
18 अगस्त 2025 : जिला स्तरीय प्रशिक्षण की झलक
18 अगस्त 2025 का दिन जशपुर जिले की शिक्षा के इतिहास में विशेष महत्व रखता है। इसी दिन जिले के सभी संकुल प्राचार्यों का व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम संकल्प शिक्षण संस्थान, जशपुर में आयोजित किया गया, जिसमें डायट जशपुर की सक्रिय भूमिका रही।
मुख्य अतिथि का संबोधन
इस अवसर पर श्री विनोद गुप्ता, प्राचार्य संकल्प शिक्षण संस्थान, जशपुर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा –
“शिक्षा गुणवत्ता सुधारने का यह प्रयास केवल विद्यालय या शासन की जिम्मेदारी नहीं है। यह हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। यदि संकुल स्तर पर सामाजिक अंकेक्षण को सही तरीके से लागू किया गया, तो निश्चित रूप से शिक्षा गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।”
प्रशिक्षण की रूपरेखा
कार्यक्रम का संचालन डाइट जशपुर की टीम ने किया।
- डॉ. एम. जे. यू. सिद्दीकी, प्राचार्य डायट जशपुर ने पूरे प्रशिक्षण की संरचना प्रस्तुत की।
- श्री विनय सिन्हा , सहायक जिला परियोजना अधिकारी (माध्यमिक) कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर ने मुख्यमंत्री गुणवत्ता शिक्षा अभियान के विशेष महत्वाकांक्षी अभियान के लेकर विस्तृत चर्चा की तथा सभी संकुल प्राचार्य को ईमानदारी से सामाजिक अंकेक्षण कार्य करने हेतु प्रेरित किये और सब कुछ शुभकामनाएं प्रेषित किये।
- श्रीमती सरोज संगीता भोय, उप-प्राचार्या ने कार्ययोजना पर विस्तार से प्रकाश डाला।
- श्री आर. बी. चौहान, व्याख्याता संकल्प शिक्षण संस्थान ने भी प्राचार्यों को प्रशिक्षण सामग्री की विशेषताओं से अवगत कराया।
सामाजिक अंकेक्षण पर विशेष जोर
इस प्रशिक्षण का सबसे महत्त्वपूर्ण बिंदु था – सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit)।
सभी प्राचार्यों को बताया गया कि किस प्रकार वे अपने-अपने संकुलों में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें और फिर 20 अगस्त को उसी आधार पर प्रशिक्षण आगे बढ़ाएँ।
सामाजिक अंकेक्षण से न केवल विद्यालयों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि अभिभावक और समुदाय शिक्षा सुधार की प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बनें।
तीन स्तरों पर प्रशिक्षण : 20 प्रश्नों का विश्लेषण
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जिला स्तर के स्रोत व्यक्ति |
प्रशिक्षण के दौरान प्राथमिक, मिडिल और हाई/हायर सेकेंडरी – इन तीनों स्तरों पर 20-20 प्रश्नों को विस्तार से समझाया गया।
प्राथमिक स्तर के स्रोत व्यक्ति
- श्री मुकेश कुमार, सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला दासडूमरटोली
- श्री अजय कुमार वर्मा, सहायक शिक्षक, शासकीय प्राथमिक शाला सुकबासूपारा, कुनकुरी
इन दोनों शिक्षकों ने प्राथमिक स्तर के प्रश्नों को सरल भाषा में समझाया। उन्होंने प्राचार्यों को यह बताया कि कैसे वे आधारभूत साक्षरता, गणनाक्षमता और बच्चों की सहभागिता पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
मिडिल स्तर के स्रोत व्यक्ति
- श्री अरुण चंद्रा, शिक्षक, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जामपानी
- श्री सोमेश्वर कोसले, शिक्षक, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला सुकबासूपारा, कुनकुरी
इन दोनों शिक्षकों ने मिडिल स्तर पर शिक्षा गुणवत्ता सुधार की रणनीतियों पर जोर दिया। बच्चों की उपस्थिति, गणित और विज्ञान की समझ को बढ़ाने के उपाय इस चर्चा का मुख्य हिस्सा रहे।
हाई/हायर सेकेंडरी स्तर के स्रोत व्यक्ति
- श्री आशुतोष शर्मा, व्याख्याता, पीएम श्री विद्यालय, सेजेस मनोरा
- श्री अनुप कुमार साहू, व्याख्याता, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, लोदाम
इन वरिष्ठ व्याख्याताओं ने उच्च कक्षाओं की चुनौतियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि बच्चों को बोर्ड परीक्षा, उच्च शिक्षा और कैरियर मार्गदर्शन में कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।
149 संकुल प्राचार्यों की सहभागिता
जिले के कुल 149 संकुल प्राचार्य इस प्रशिक्षण में शामिल हुए।
सभी ने गहनता से प्रशिक्षण प्राप्त किया और यह संकल्प लिया कि 20 अगस्त को वे अपने-अपने संकुल में इसी तरह का प्रशिक्षण देंगे।
दुल्दुला ब्लॉक के एक प्राचार्य ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा –
“यह पहली बार है जब हमें इतने व्यवस्थित ढंग से 20 प्रश्नों पर आधारित प्रशिक्षण मिला। अब हम अपने संकुल में जाकर इसे शिक्षकों तक पहुँचाएंगे और शिक्षा सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे।”
20 अगस्त 2025 : संकुल स्तर पर प्रशिक्षण का विस्तार
जैसा कि तय था, 20 अगस्त 2025 को जिले के सभी 149 संकुल प्राचार्यों ने अपने-अपने संकुलों में प्रशिक्षण आयोजित किया।
यह दिन वास्तव में ऐतिहासिक रहा, क्योंकि –
- हर संकुल में एक साथ प्रशिक्षण हुआ।
- प्राथमिक, मिडिल और हाई/हायर सेकेंडरी स्तर के 20-20 प्रश्नों पर चर्चा की गई।
- शिक्षकों को सामाजिक अंकेक्षण की प्रक्रिया से अवगत कराया गया।
प्राचार्यों ने 18 अगस्त को जो प्रशिक्षण प्राप्त किया , उसी को आधार बनाकर अपने संकुल के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे इस प्रकार यह ज्ञान अब जिलेभर में फैलेगा।
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प्रशिक्षण की विशेषताएँ
- एकरूपता – सभी संकुलों में एक ही प्रारूप पर प्रशिक्षण हुआ।
- सक्रिय भागीदारी – शिक्षक और प्राचार्य दोनों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
- व्यवहारिक दृष्टिकोण – प्रश्नों के माध्यम से व्यावहारिक स्थितियों का समाधान खोजा गया।
- सामाजिक अंकेक्षण – शिक्षकों को समाज से जुड़ने की जिम्मेदारी भी बताई गई।
संकल्प और निष्कर्ष
इन दोनों आयोजनों के बाद जशपुर जिले के संकुल प्राचार्यों और शिक्षकों ने यह संकल्प लिया कि वे शिक्षा गुणवत्ता सुधार को अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी मानेंगे।
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18 अगस्त को प्राप्त प्रशिक्षण और 20 अगस्त को संकुल स्तर पर किए गए विस्तार ने मिलकर यह साबित कर दिया कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति, सही मार्गदर्शन और सामूहिक प्रयास हो, तो शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित ही सुधार किया जा सकता है।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान का एक आदर्श उदाहरण बनकर सामने आया है।
- 18 अगस्त 2025 को जिला स्तरीय प्रशिक्षण ने संकुल प्राचार्यों को तैयार किया।
- 20 अगस्त 2025 को संकुल स्तर पर प्रशिक्षण ने शिक्षकों तक यह संदेश पहुँचाया।
इस प्रकार शिक्षा गुणवत्ता सुधार की यह लहर अब जिले के हर विद्यालय तक पहुँचेगी और हजारों बच्चों के भविष्य को संवारने में सहायक बनेगी।
जशपुर जिले में 18 आयोजित प्रशिक्षण मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान की आत्मा को अभिव्यक्त करते हैं।
18 अगस्त को जिला स्तरीय प्रशिक्षण में प्राचार्यों ने सीखा कि शिक्षा गुणवत्ता सुधारने के लिए किन-किन पहलुओं पर ध्यान देना है।
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20 अगस्त को उन्हीं प्राचार्यों ने यह जिम्मेदारी निभाते हुए अपने-अपने संकुलों में शिक्षकों तक यह संदेश पहुचायेंगे
इन दोनों आयोजनों ने यह सिद्ध कर दिया कि शिक्षा सुधार केवल शासन या प्रशासन का काम नहीं है, बल्कि यह समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।
जशपुर से उठी यह पहल आने वाले समय में पूरे छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगी।
निश्चित रूप से आने वाले वर्षों में जब शिक्षा की गुणवत्ता की चर्चा होगी, तब 18 और 20 अगस्त 2025 की ये तिथियाँ जशपुर जिले के शैक्षिक इतिहास में स्वर्णाक्षरों से अंकित होंगी।
✍️ मुकेश कुमार जशपुर 6263793075