🇮🇳 स्वतंत्रता दिवस 2025 – दासडुमरटोली में तिरंगे की शान, देशभक्ति की मिसाल
✨ प्रस्तावना – जब दासडुमरटोली में गूंजा "भारत माता की जय"
15 अगस्त… यह सिर्फ कैलेंडर की एक तारीख नहीं, बल्कि भारत के दिल की धड़कन है। यह वह दिन है जब हर भारतीय का खून देशभक्ति से उबाल मारता है, जब तिरंगा हमारी पहचान बनकर आसमान में लहराता है।
जशपुर नगर स्थित शासकीय प्राथमिक शाला दासडुमरटोली में इस वर्ष का स्वतंत्रता दिवस ऐसा मनाया गया कि हर कोई कह उठा – "वाह! यही है असली आज़ादी का जश्न!"
🎯 सफलता का राज – मजबूत नेतृत्व और टीमवर्क
इस ऐतिहासिक आयोजन के पीछे थीं प्रधान पाठक श्रीमती फिरदौस खानम, जिनके दूरदर्शी दिशा-निर्देशों ने पूरे कार्यक्रम को सटीक रूप दिया। और मंच पर हर पल को जीवंत रखने का श्रेय जाता है शिक्षक मुकेश कुमार को, जिन्होंने अपने सक्षम नेतृत्व से बच्चों और पूरे स्टाफ को जोश से भर दिया।
इन दोनों के मार्गदर्शन में विद्यालय का हर कोना स्वतंत्रता दिवस के रंगों में नहा उठा।
🎉 सुबह का नज़ारा – देशभक्ति की बयार
15 अगस्त की सुबह दासडुमरटोली का विद्यालय परिसर मानो एक मिनी इंडिया बन चुका था।
- हर दीवार, हर कोना तिरंगे के रंग में सजा हुआ।
- फूलों की मालाओं और रंग-बिरंगी झालरों से मुख्य द्वार जगमगा रहा था।
- बच्चों के चेहरों पर तिरंगे की पेंटिंग और आंखों में चमक – जैसे वो खुद आज़ादी के सिपाही हों।
🚩 ध्वजारोहण – जब तिरंगा आसमान छूने लगा
समारोह की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई। जैसे ही तिरंगा ऊंचाई पर लहराने लगा, भीड़ में एक साथ "भारत माता की जय" और "वंदे मातरम" के नारे गूंज उठे।
राष्ट्रगान के दौरान पूरे परिसर में ऐसा सन्नाटा था कि सिर्फ बच्चों के गर्व से भरे स्वर सुनाई दे रहे थे। उस पल हर किसी की आंखों में चमक और दिल में देश के लिए प्रेम उमड़ रहा था।
🎶 विद्यार्थियों की प्रस्तुतियां – छोटे सितारों की बड़ी चमक
कक्षा पाँचवी के छात्रों ने ऐसी कविताएं सुनाईं कि दर्शकों की आंखें नम हो गईं। "शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले" जैसी पंक्तियों ने माहौल में देशभक्ति की बिजली भर दी।
कक्षा तीसरी और चौथी के बच्चों ने अपनी मासूम आवाज़ में आज़ादी की कीमत और देश के सपनों को बयां किया।
भाषण – जोश और जागरूकता
बच्चों ने अपने भाषणों में महात्मा गांधी, भगत सिंह, रानी लक्ष्मीबाई और सुभाष चंद्र बोस की गाथाएं सुनाकर सभी को प्रेरित किया। किसी ने शिक्षा के महत्व पर जोर दिया तो किसी ने एकता और भाईचारे की अपील की।
गीत और नृत्य – देशप्रेम की धुन
जब बच्चों ने "ऐ वतन मेरे वतन" और "देश रंगीला" जैसे गीतों पर नृत्य किया, तो दर्शक तालियों से गूंज उठे। मंच पर बच्चों का आत्मविश्वास और ऊर्जा देखने लायक थी।
👨👩👧👦 सामुदायिक सहयोग – आयोजन की रीढ़
इस समारोह को यादगार बनाने में विद्यालय के हर सदस्य का योगदान रहा।
विशेष रूप से स्वीपर कुमारी संतोषी बाई, रसोइया सुगंती बाई और सरिता बाई, साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का सहयोग अमूल्य रहा।
इनकी मेहनत ने सुनिश्चित किया कि कार्यक्रम का हर पल व्यवस्थित और शानदार हो।
🏫 विद्यालय की सोच – किताबों से परे शिक्षा
प्रधान पाठक श्रीमती फिरदौस खानम और शिक्षक मुकेश कुमार का मानना है कि असली शिक्षा किताबों के साथ-साथ बच्चों में संस्कार, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करने में है।
स्वतंत्रता दिवस जैसे कार्यक्रम बच्चों को सार्वजनिक मंच, टीमवर्क, रचनात्मकता और नेतृत्व का बेहतरीन अवसर देते हैं।
📜 स्वतंत्रता दिवस का संदेश – गर्व, कर्तव्य और एकता
- गर्व – आज़ादी हमें गर्व देती है, और इसे बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है।
- कर्तव्य – संविधान का पालन, पर्यावरण की रक्षा और समाज में सद्भाव लाना।
- एकता – यह दिन हमें याद दिलाता है कि हम अलग-अलग भाषाओं, संस्कृतियों और परंपराओं के बावजूद एक हैं।
📸 मुख्य आकर्षण – जिन पलों ने दिल जीत लिया
- ध्वजारोहण के समय बच्चों के चमकते चेहरे।
- कविता पाठ के दौरान भावुक माहौल।
- गीत और नृत्य में लहराती देशभक्ति की ऊर्जा।
- सामुदायिक सहयोग से झलकती एकता।
❤️ समापन – एक वादा, एक सपना
कार्यक्रम के अंत में प्रधान पाठक श्रीमती फिरदौस खानम ने सभी का धन्यवाद किया और बच्चों को शिक्षा, अनुशासन और देशप्रेम के मार्ग पर चलने का संदेश दिया।
सभी ने एक स्वर में संकल्प लिया –
"हम अपने भारत को ज्ञान, मेहनत और भाईचारे से ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।"