"नमस्कार दोस्तों,🙏🙏🙏 आपका स्वागत है हमारे आज के इस खास लेख में, जहाँ हम आपको ले चलेंगे रक्षाबंधन 2025 के उस अनोखे उत्सव में, जिसे आदर्श ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल, छिंद ने समाज में प्रेम, भाईचारे और सेवा का सजीव उदाहरण बना दिया।"
लेखक- ✍️मुकेश कुमार, जशपुर
जानकारी सहयोग- श्री दादू प्रसाद चंद्रा 8827476829
🌸 रक्षाबंधन का अनोखा उत्सव – आदर्श ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल, छिंद की प्रेरणादायक पहल
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जवानों को राखी बांधती बहनें |
जहाँ राखी बंधी दिलों, पेड़ों, पुलिस जवानों और जरूरतमंदों पर…
🌼 प्रस्तावना – जब राखी का धागा बना प्रेम और सेवा का सेतु
रक्षाबंधन… एक ऐसा पर्व जिसे सोचते ही हमारी आँखों के सामने रंग-बिरंगी राखियाँ, मिठाइयाँ, भाई-बहन की मुस्कान और ढेर सारा प्यार तैरने लगता है।
लेकिन अगर मैं आपसे कहूँ कि राखी का धागा सिर्फ भाई-बहन तक सीमित नहीं, बल्कि यह इंसान से इंसान, इंसान से प्रकृति, और इंसान से समाज को भी जोड़ सकता है — तो?
यही तो हुआ इस बार आदर्श ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल, छिंद में, जहाँ रक्षाबंधन का पर्व सिर्फ एक रस्म नहीं, बल्कि एक आंदोलन बन गया — सेवा, सम्मान और भाईचारे का आंदोलन।
🌟 सुबह की शुरुआत – जैसे पूरा स्कूल मुस्कुरा रहा हो
सुबह-सुबह जब सूरज की पहली किरण स्कूल परिसर पर पड़ी, तो ऐसा लगा जैसे आसमान भी इस उत्सव का स्वागत कर रहा हो।
मुख्य द्वार पर रंगोली और फूलों से बना बोर्ड टंगा था –
"रक्षाबंधन – प्रेम, सुरक्षा और अपनत्व का पर्व"
अंदर प्रवेश करते ही बच्चों की हंसी, रंग-बिरंगे कपड़े, और हाथों में थाली लिए बहनों की मुस्कान ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।
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🎨 राखी और मेहंदी – रचनात्मकता की मिसाल
कार्यक्रम की शुरुआत राखी निर्माण प्रतियोगिता से हुई।
कक्षा के छोटे-छोटे कलाकार रंगीन धागों, मोतियों, चमकी और फूलों की पंखुड़ियों से ऐसी राखियाँ बना रहे थे, जिन्हें देखकर लगता था मानो कला भी उनके आगे नतमस्तक हो गई हो।
- एक राखी तिरंगे के रंग में लिपटी थी,
- एक राखी में गंगा-जमुनी संस्कृति की झलक थी,
- और कुछ राखियाँ तो इतनी अनोखी थीं कि उन्हें देखकर जजों को विजेता चुनना मुश्किल हो गया।
साथ ही मेहंदी प्रतियोगिता में छात्राओं ने अपनी हथेलियों पर ऐसे डिज़ाइन बनाए जिनमें सिर्फ सुंदरता ही नहीं, बल्कि संदेश भी छिपा था — कहीं 'प्रकृति रक्षा' लिखा था तो कहीं 'भाईचारा अमर रहे'।
🌳 जब राखी बंधी पेड़ों पर – प्रकृति से लिया वचन
प्रतियोगिता के बाद आई वह घड़ी, जिसने इस आयोजन को सचमुच अनोखा बना दिया।
विद्यालय की बहनों ने भाइयों को राखी बाँधने के बाद विद्यालय परिसर के पेड़ों को राखी बाँधी और प्रकृति से संकल्प लिया –
"तुम हमें ऑक्सीजन देते हो, छाँव देते हो, हम भी तुम्हारी रक्षा करेंगे।"
यह दृश्य इतना भावुक था कि वहाँ मौजूद कई लोगों की आँखें भर आईं।
आज के समय में, जब पेड़ों को काटना आम हो गया है, बच्चों का यह कदम एक गहरी सीख दे गया —
"रिश्ता सिर्फ इंसान से नहीं, धरती से भी होना चाहिए।"
🍬 सेवा का रंग – जब राखी पहुँची वृद्धाश्रम और अनाथालय
रक्षाबंधन की असली मिठास बाँटने में है।
विद्यालय के नन्हे कलाकार अपनी मेहनत से बनी राखियाँ और घर के बने लड्डू लेकर वृद्धाश्रम, अनाथ आश्रम और प्रांजल दिव्यांग स्कूल पहुँचे।
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- वृद्धाश्रम में राखी बंधवाते समय बुजुर्गों की आँखों से खुशी के आँसू छलक पड़े।
- अनाथालय में बच्चों ने बहनों को गले लगाकर कहा – "अब हमें भी बहन मिल गई।"
- प्रांजल दिव्यांग स्कूल में बच्चों की मासूम मुस्कान ने सबका दिल जीत लिया।
यह सिर्फ राखी नहीं, बल्कि दिल से दिल जोड़ने वाला बंधन था।
👮 पुलिस जवानों के साथ राखी – साहस और सुरक्षा को सलाम
शहर के थाना सारंगढ़ में तैनात पुलिसकर्मियों के लिए यह दिन खास बन गया।
विद्यालय की अध्यापिकाएँ और कुछ छात्राएँ राखी और मिठाई लेकर वहाँ पहुँचीं।
एक छात्रा ने राखी बाँधते हुए कहा –
"आप हमारी नींद की सुरक्षा के लिए अपनी नींद कुर्बान करते हैं, आपका धन्यवाद।"
कई पुलिसकर्मियों की आँखों में नमी थी, लेकिन चेहरों पर गर्व और मुस्कान थी।
🎓 शिक्षा के प्रहरी – जिला शिक्षा अधिकारी को राखी
विद्यालय प्रतिनिधिमंडल ने जिला शिक्षा अधिकारी को भी राखी बाँधी और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा –
"जब बच्चे सेवा, प्रेम और भाईचारे का महत्व समझ लेते हैं, तब शिक्षा का असली उद्देश्य पूरा होता है।"
📜 प्राचार्य का संदेश – धागे में बंधा आदर्श
विद्यालय के प्राचार्य ने कहा –
"रक्षाबंधन केवल एक पर्व नहीं, बल्कि प्रेम, सुरक्षा और विश्वास का प्रतीक है। हम चाहते हैं कि हमारे विद्यार्थी इस भावना को अपने जीवन में अपनाएँ और समाज में सकारात्मक बदलाव के वाहक बनें।"
यह बात सुनकर पूरा परिसर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
📸 उत्सव का माहौल – जैसे भावनाओं की प्रदर्शनी
अगर आप उस दिन स्कूल में होते, तो आप देखते –
- एक कोने में भाई-बहन हंसते हुए राखी बाँध रहे हैं,
- दूसरे कोने में पेड़ों की डालियों पर रंग-बिरंगे धागे झूल रहे हैं,
- कहीं बुजुर्ग राखी को माथे से लगा रहे हैं,
- और कहीं पुलिसकर्मी मिठाई खिलाते हुए मुस्कुरा रहे हैं।
यह सिर्फ एक दिन का आयोजन नहीं था, यह दिलों में बसा हुआ उत्सव था।
🌏 रक्षाबंधन के नए मायने
इस पूरे आयोजन ने यह साबित किया कि राखी का धागा किसी एक रिश्ते तक सीमित नहीं है।
यह किसी के भी हाथ पर बंध सकता है —
- जो आपकी रक्षा करता है,
- जो आपकी खुशी का कारण है,
- या जो प्रकृति की तरह बिना कुछ मांगे आपको जीवन देता है।
💡 क्यों यह आयोजन खास है?
आज के समय में, जब त्यौहार अक्सर सिर्फ फोटो और सोशल मीडिया पोस्ट तक सिमट जाते हैं, आदर्श ज्योति हायर सेकेंडरी स्कूल, छिंद ने यह दिखा दिया कि असली उत्सव दिल से मनाया जाता है।
उन्होंने बच्चों को सिर्फ त्यौहार नहीं, बल्कि जीवन का सबक दिया —
"त्योहार का मतलब सिर्फ अपने लिए खुशी नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी मुस्कान बनना है।"
🪢 समापन – धागा जो जोड़े पूरी दुनिया
रक्षाबंधन का यह अनोखा उत्सव बच्चों के दिल में सेवा, सम्मान और कर्तव्य के बीज बो गया।
शायद आने वाले वर्षों में ये बच्चे जब बड़े होंगे, तो याद करेंगे —
"एक दिन हमने राखी सिर्फ भाई को नहीं, बल्कि पेड़, पुलिसकर्मी, बुजुर्ग और अनाथ बच्चों को भी बाँधी थी।"
और यही है रक्षाबंधन का असली अर्थ — प्रेम, सुरक्षा और अपनत्व का अटूट बंधन।
उम्मीद है दोस्तों, आपको यह प्रेरणादायक उत्सव पसंद आई होगी। ऐसे ही और भी उत्सवों और सकारात्मक पहल की कहानियाँ हम आपके लिए लाते रहेंगे, ताकि त्यौहार सिर्फ कैलेंडर पर नहीं, बल्कि हमारे दिलों में भी जीवित रहें।"