भारत का संवैधानिक विकास
(CONSTITUTIONAL DEVELOPMENT OF INDIA)
नमस्कार प्रिय पाठकों ,आज के हमारे लेख में आप सभी का हार्दिक अभिनंदन है। आज समय के मांग के अनुरूप प्रतियोगी परीक्षा के लिए जो बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक भारत का संवैधानिक विकास पर चर्चा करेंगे,साथ में ये बताने का भी प्रयास रहेगा की किस प्रकार भारतीय संविधान की स्थिति की पृष्ठ भूमि तैयार हुई जिससे विश्व का सबसे बड़ा लिखित सविंधान बना,जो सबसे बड़े लोकतंत्र का आधारशिला बना,तो लीजिए शुरुवात करते हैं:- हम परीक्षा उपयोगी प्रश्न जो पूछे जाते हैं उस अपना ध्यान फोकस करेंगे।
नियम कैसे बनने शुरू हुए उसे विस्तार पूर्वक पढ़ेंगे।
ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत
रेगुलेटिंग एक्ट- 1773
पिट्स इंडिया एक्ट 1784
चार्टर एक्ट 1793
चार्टर एक्ट 1813
चार्टर एक्ट 1833
चार्टर एक्ट 1853
चार्टर एक्ट में 20 साल का अंतराल है।
ब्रिटिश क्राउन के अंतर्गत
भारत शासन अधिनियम 1858
भारत परिषद अधिनियम 1861
भारत परिषद अधिनियम 1892
भारत परिषद अधिनियम 1909
भारत शासन अधिनियम 1919
भारत शासन अधिनियम 1935
भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947
प्रतियोगी परीक्षा के बेहद महत्वपूर्ण
- रेगुलेटिंग एक्ट: रेगुलेटिंग एक्ट सन 1773 में बना जो ईस्ट इंडिया कंपनी के अंतर्गत था इसके तहत कुछ महत्वपूर्ण बिंदु सामने आए।
- रेगुलेटिंग एक्ट 1773 द्वारा सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना कोलकाता में 1774 ईस्वी में की गई।
- भारतीयों को भारत के प्रशासन में भाग लेने का अधिकार चार्टर एक्ट 1833 के द्वारा प्राप्त हुआ।
- भारतीय विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति भारत परिषद अधिनियम 1892 के तहत प्राप्त हुई।
- केंद्रीय विधान मंडल में द्विसदनीय व्यवस्था सर्वप्रथम सन 1919 के भारत शासन अधिनियम के द्वारा बनाया गया।
- भारत के राष्ट्रपति को अध्यादेश निर्गत करने की शक्ति मूलतः भारत शासन अधिनियम 1935 से प्रेरित है।
- केंद्र में द्वैध शासन व्यवस्था भारत शासन अधिनियम 1935 के अंतर्गत लागू की गई थी।
- भारत शासन अधिनियम 1935 के द्वारा भारत में संघीय शासन व्यवस्था का प्रावधान था।
- अखिल भारतीय संघ व्यवस्था स्थापित करने का प्रावधान भारत शासन अधिनियम 1935 में किया गया था।
- भारत के संविधान में केंद्र और राज्यों के मध्य किया गया शक्तियों का विभाजन भारत शासन अधिनियम 1935 पर आधारित है।
- क्रिप्स मिशन के द्वारा भारत के संविधान निर्माण करने का प्रस्ताव किया गया था।
- प्रांत से प्रतिनिधियों का निर्वाचन 1000000 की जनसंख्या पर एक सदस्य करने का कैबिनेट मिशन द्वारा योजना प्रस्तुत किया गया था।
- भारतीय संविधान का निर्माण करने वाली संविधान सभा के सदस्यों का चुनाव विभिन्न प्रांतो की विधानसभाओं के द्वारा किया गया था।
अंतरिम सरकार वर्ष 1946
1. जवाहर लाल नेहरू: राष्ट्रमंडल संबंध तथा विदेशी मामले
2. सरदार वल्लभभाई पटेल: गृह सूचना एवं प्रसारण
3. डॉ राजेंद्र प्रसाद: खाद्य एवं कृषि
4. जान मथाई: उद्योग एवं नागरिक आपूर्ति
5. जगजीवन राम: श्रम
6.सरदार बलदेव सिंह:रक्षा
7. लियाकत अली खा: वित
8. सी राजगोपालाचारी :शिक्षा एवम कला
नोट: वर्ष 1927 में भारत शासन अधिनियम 1919 की समीक्षा करने के लिए साइमन कमीशन का गठन किया गया था।
परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण
- भारत की संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई थी।
- संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद को चुना गया था।
- संविधान सभा में पंडित नेहरू द्वारा उद्देश्य प्रस्ताव 13 दिसंबर 1946 को प्रस्तुत किया गया था
- Let's जवाहरलाल नेहरू द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य प्रस्ताव संविधान सभा में 22 जनवरी 1947 को स्वीकृत हुआ था।
- भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा था।
- भारतीय संविधान के संवैधानिक सलाहकार सर बी एन राव थे।
- 22 जुलाई 1947 को भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को अपनाया गया था।
- संविधान सभा की प्रथम बैठक डॉ सच्चिदानंद सिन्हा ने अस्थाई अध्यक्षता के रूप में की थी।
- भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को स्वीकार किया गया था।
- भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को पूरे देश में लागू हुआ था।
- संविधान सभा के द्वारा 26 नवंबर सन 1949 को भारतीय संविधान अधिनियमित किया गया था।
- 24 जनवरी 1950 में भारत के राष्ट्रगान जन गण मन को अपनाया गया था जो रवींद्रनाथ ठाकुर द्वारा लिखा गया था।
- संविधान सभा की झंडा समिति के अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद थे।
- श्री जी वी मावलंकर संविधान सभा के कार्यों से संबंधित समिति की अध्यक्ष थे।
- प्रारूप समिति का गठन 29 अगस्त 1947 को डॉ भीमराव अंबेडकर की अध्यक्षता में किया गया था।
डॉ भीमराव अंबेडकर संविधान सभा में सबसे सबसे पहले बंगाल प्रेसीडेंसी से 1946- 47 और बाद में मुंबई प्रेसिडेंसी से 1947- 50 हुआ था।
प्रमुख समितियां और अध्यक्ष
संघ शक्ति समिति: पंडित जवाहरलाल नेहरू
संघीय संविधान समिति: पंडित जवाहरलाल नेहरू
प्रांतीय संविधान समिति: सरदार वल्लभ भाई पटेल
प्रारूप समिति: डॉ भीमराव अंबेडकर
मौलिक अधिकारों एवं अल्पसंख्यकों संबंधी परामर्श समिति: सरदार वल्लभभाई पटेल
प्रक्रिया नियम समिति: डॉ राजेंद्र प्रसाद
राज्यों के लिए समिति: पंडित जवाहरलाल नेहरू
संचालन समिति: डॉ राजेंद्र प्रसाद
इस टॉपिक पर इतना ही वर्णन करते हैं अगले भाग में हम सविंधान निर्माण के स्त्रोत के बारे में चर्चा करेंगे।
उपर्युक्त विवेचन से स्पष्ट है कि संवैधानिक निर्माण में विभिन्न समितियां बनी गई प्रेसीडेंसीयों से चुनाव हुआ था जिसमें संविधान को बनाने के लिए रेगुलेटिंग एक्ट 1773 से लेकर के भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 तक संघर्ष का रास्ता देखना पड़ा है उम्मीद है आपके ऊपर में दिए गए जानकारी पसंद आई होगी जो प्रतियोगी परीक्षा के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण है मेरे लेख को पढ़ने के लिए आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।