📘 शाला प्रवेश उत्सव 2025: टिकैतगंज में शिक्षा का उल्लास और बच्चों की मुस्कान
✍️ मुकेश कुमार| दिनांक – 26 जून 2025
✨ प्रस्तावना
शिक्षा एक बच्चे के जीवन की शुरुआत का सबसे महत्वपूर्ण अध्याय होती है। जब किसी बच्चे का पहला कदम विद्यालय की ओर बढ़ता है, तो वह न केवल एक नई दुनिया से परिचित होता है, बल्कि भविष्य की एक सशक्त नींव भी रखता है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मार्गदर्शन में शाला प्रवेश उत्सव पूरे राज्य में हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में दिनांक 26 जून 2025 को शासकीय प्राथमिक शाला टिकैतगंज (विकासखंड जशपुर, जिला जशपुर) में भी शाला प्रवेश उत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जिसने न केवल बच्चों बल्कि उनके अभिभावकों और पूरे ग्राम को शिक्षा के महत्व से जोड़ा।
🎉 आयोजन की शुरुआत
कार्यक्रम का शुभारंभ सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री टुमनू गोसाईं , विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहायक श्री दानी सर, तथा संकुल समन्वयक श्रीमती ज्योति सिन्हा की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया। विद्यालय की शिक्षिकाओं एवं स्टाफ के सहयोग से पूरे परिसर को आकर्षक रूप से सजाया गया था। रंगीन झंडियाँ, पोस्टर, फूलों की माला, शिक्षा संबंधी स्लोगन और बच्चों की बनाई हुई ड्रॉइंग्स पूरे वातावरण को एक उत्सव का रूप दे रही थीं।
🌈 बच्चों का अभिनंदन
कार्यक्रम की शुरुआत नवप्रवेशी बच्चों के स्वागत से हुई। नन्हें-मुन्ने बच्चों का विद्यालय में प्रवेश मानो एक नये जीवन की शुरुआत जैसा था। अतिथियों द्वारा इन बच्चों का तिलक लगाकर, माला पहनाकर तथा शुभकामनाएँ देकर आत्मीय स्वागत किया गया।
🖐️ हाथों की छाप: एक सृजनात्मक पहल
शाला की शिक्षिका श्रीमती मीना सिन्हा द्वारा एक अत्यंत अनोखी और रचनात्मक गतिविधि आयोजित की गई – “हाथों की छाप”। सभी नवप्रवेशी बच्चों के हाथों की छाप को ड्राइंग शीट पर लिया गया। इसके बाद इन छापों के नीचे बच्चों के नाम हिंदी और अंग्रेजी में बड़े अक्षरों में लिखा गया।
इस पहल के दो उद्देश्य थे:
- बच्चे रोजाना अपनी छाप को देखकर अपने नाम की पहचान करें।
- धीरे-धीरे अंग्रेजी में अपना नाम लिखना भी सीख जाएं।
यह नवाचार न केवल बच्चों के मन में आत्मीयता और अपनापन जगाता है, बल्कि शिक्षा को रचनात्मक रूप में प्रस्तुत करने का उदाहरण भी है।
📚 शिक्षण सामग्री एवं गणवेश वितरण
बच्चों को नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें, गणवेश, स्टेशनरी एवं मिठाई वितरित की गई। बच्चों के चेहरों पर उत्साह और खुशी की झलक थी। बच्चों को नए वस्त्र और पुस्तकों के साथ पढ़ाई की नई शुरुआत करने का जोश था।
🗣️ प्रेरक उद्बोधन
सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री टुमनू गोसाईं , विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय सहायक श्री दानी सर,, तथा संकुल समन्वयक ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा:
"बच्चों को प्रतिदिन स्कूल आना चाहिए, पढ़ाई में मन लगाना चाहिए। स्कूल एक मंदिर है जहाँ ज्ञान प्राप्त होता है, और ज्ञान ही जीवन को संवारता है।"
इन प्रेरक शब्दों ने न केवल बच्चों बल्कि उपस्थित अभिभावकों में भी शिक्षा के प्रति नई जागरूकता का संचार किया।
📸 सेल्फी जोन और बच्चों की मुस्कान
विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती मीना सिन्हा ने बताया कि विद्यालय परिसर में एक “सेल्फी ज़ोन” भी बनाया गया था, जहाँ बच्चों ने अपने नए कपड़े, बेल्ट और ID कार्ड पहनकर अपने शिक्षकों और मित्रों के साथ सेल्फी ली। यह अनुभव बच्चों के लिए विशेष रहा। यह न केवल उनकी स्मृति में यह दिन सहेजेगा, बल्कि विद्यालय के प्रति भावनात्मक जुड़ाव भी बढ़ाएगा।
🪪 ID-Card और ड्रेस कोड
इस वर्ष विद्यालय की शिक्षिका द्वारा सभी बच्चों को ID-Card (पहचान पत्र) वितरित किया गया। बच्चों को स्कूल बेल्ट भी पहनाई गई। बच्चे इस ड्रेस कोड और पहचान पत्र को पाकर गर्व और उत्साह से भर गए। यह न केवल अनुशासन को प्रोत्साहित करता है, बल्कि बच्चों में स्वाभिमान और एकता का भाव भी जगाता है।
🧼 स्वच्छता और नैतिक शिक्षा
शिक्षिका ने बच्चों को नित्य साफ-सुथरे वस्त्रों में स्कूल आने, स्वच्छता बनाए रखने, तथा भयमुक्त वातावरण में पढ़ने की प्रेरणा दी। साथ ही बच्चों को नैतिक शिक्षा जैसे – बड़ों का सम्मान, झूठ न बोलना, चीज़ों को साझा करना, स्कूल का सम्मान करना – जैसे मूल्यों से भी अवगत कराया गया।
🧠 गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा और NEP 2020 का क्रियान्वयन
विद्यालय में NEP 2020 (नई शिक्षा नीति 2020) के अंतर्गत पढ़ाई कराई जा रही है। इसमें:
- गतिविधि आधारित शिक्षण
- खेल के माध्यम से सीखना
- मातृभाषा आधारित प्रारंभिक शिक्षा
- व्यक्तिगत रुचि और प्रतिभा पर आधारित मूल्यांकन
- डिजिटल संसाधनों का उपयोग
शामिल हैं।
इससे बच्चों में समझने की क्षमता, रचनात्मकता और समस्या समाधान कौशल का विकास हो रहा है।
📈 नामांकन की स्थिति और प्रयास
विद्यालय के सहायक शिक्षक भानु प्रसाद ने बताया की वर्तमान दर्ज संख्या – 42 है। नामांकन बढ़ाने के लिए शिक्षिका और स्टाफ लगातार घर-घर जाकर पालक संपर्क अभियान चला रहे हैं। अभिभावकों को समझाया जा रहा है कि सरकारी विद्यालयों में बच्चों को:
- नि:शुल्क शिक्षा
- गुणवत्तापूर्ण अध्यापन
- मध्यान्ह भोजन
- पाठ्यपुस्तकें व गणवेश
- सुरक्षित और खेलयुक्त वातावरण
मिल रहा है।
यह प्रयास ग्रामीण शिक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
🏞️ सुरक्षित खेल मैदान एवं सुविधाएँ
विद्यालय में खेल का बड़ा और सुरक्षित मैदान उपलब्ध है, जहाँ बच्चे विभिन्न खेलों में भाग लेते हैं। इससे उनकी शारीरिक क्षमता के साथ-साथ सामूहिकता, नेतृत्व और अनुशासन जैसे गुणों का भी विकास होता है।
🤝 अभिभावकों की सहभागिता
इस उत्सव में अभिभावकों ने भी उत्साहपूर्वक भागीदारी दी। उन्होंने विद्यालय की व्यवस्था और प्रयासों की सराहना की। कुछ पालकों ने यह भी कहा कि पहले वे निजी विद्यालय में बच्चों को भेजना चाहते थे, लेकिन अब वे शासकीय विद्यालय को ही बेहतर समझते हैं।
📜 निष्कर्ष
विद्यालय के प्रधान पाठक राजू राम भगत ने कहा की प्राथमिक शाला टिकैतगंज में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव केवल एक औपचारिक आयोजन नहीं था, बल्कि शिक्षा के प्रति एक जागरूक पहल, बच्चों के भविष्य के प्रति एक संकल्प, और सामुदायिक सहभागिता का जीवंत उदाहरण था।
इस कार्यक्रम ने यह साबित किया कि यदि शिक्षक, अधिकारी, पालक और समाज मिलकर कार्य करें, तो ग्रामीण शिक्षा में भी उच्च स्तर की गुणवत्ता, आत्मीयता और नवाचार लाया जा सकता है।
📌 अंतिम संदेश
"हर बच्चा स्कूल आए, शिक्षा पाए, और आत्मनिर्भर बने – यही है उज्ज्वल भारत का सपना।"
टिकैतगंज की शिक्षिका, अधिकारीगण, ग्रामवासी और बच्चे मिलकर इस सपने को साकार कर रहे हैं।
सभी प्राइवेट स्कूल छोड़े 🙏🙏🙏🙏