साक्षर भारत की ओर एक और कदम, उल्लास में सराबोर फरसाबाहर

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📚 उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम : विकासखंड फरसाबाहर में हुई महत्वपूर्ण बैठक, साक्षर भारत की ओर एक और कदम

✍️ मुकेश कुमार


🔶 प्रस्तावना

शिक्षा किसी भी समाज की नींव होती है, और साक्षरता उसका पहला चरण। भारत सरकार द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में लाए गए अनेक कार्यक्रमों में "नवभारत साक्षरता कार्यक्रम" एक परिवर्तनकारी योजना साबित हो रही है। इसका उद्देश्य वयस्क निरक्षरों को साक्षर बनाना है, ताकि वे आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ सकें। इसी कड़ी में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत संचालित उल्लास – नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत विकासखंड फरसाबाहर (जिला: जशपुर, छत्तीसगढ़) में विकासखंड स्तरीय समीक्षा बैठक का आयोजन दिनांक 26.06.2025 को किया गया।


यह बैठक न केवल कार्यक्रम की अब तक की प्रगति की समीक्षा के लिए थी, बल्कि आगामी वर्ष 2025–26 के लिए कार्ययोजना को भी अंतिम रूप देने हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हुई।


🔶 बैठक का आयोजन और उद्देश्य

इस बैठक का आयोजन विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री दुर्गेश देवांगन जी के निर्देशन में किया गया। इसका प्रमुख उद्देश्य था:


वर्ष 2025–26 की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श

पूर्व वर्षों की प्रगति की समीक्षा

आगामी परीक्षा, सर्वेक्षण, शपथ और सरकारी योजनाओं के समन्वय पर चर्चा

सभी असाक्षरों को योजनाओं से जोड़ने की रणनीति बनाना

🔶 बैठक में सम्मिलित प्रतिभागी

बैठक में विकासखंड फरसाबाहर के 58 ग्राम पंचायतों के ग्राम साक्षरता प्रभारी उपस्थित रहे। सभी प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता दी और अपने-अपने ग्रामों में हुए कार्यों की जानकारी साझा की।


इस बैठक की विशेष उपस्थिति में निम्न अधिकारीगण रहे –

श्री दुर्गेश देवांगन – विकासखंड शिक्षा अधिकारी

श्री रविंद्रनाथ साय – सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी

श्री देवेंद्र सिंह – विकासखंड स्त्रोत समन्वयक

श्री दादू प्रसाद चंद्रा – परियोजना अधिकारी, साक्षर भारत कार्यक्रम

🔶 कार्ययोजना की रूपरेखा (2025–26)

वर्ष 2025–26 के लिए उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत बनाई गई कार्य योजना के प्रमुख बिंदु इस प्रकार हैं:


साक्षरता सर्वेक्षण का विस्तार – नए असाक्षर व्यक्तियों की पहचान

प्रशिक्षण सत्रों का आयोजन – शिक्षण-सामग्री वितरण और पाठ्यक्रम निर्धारण

साक्षरता केंद्रों का पुनर्गठन – ग्राम पंचायत स्तर पर स्थायी व्यवस्था

सितंबर 2025 में परीक्षा का आयोजन – पूर्व की तरह सुव्यवस्थित ढंग से

डिजिटल शिक्षण माध्यमों का प्रयोग – मोबाइल, टीवी और रेडियो से भी जोड़ना

योजनाओं का समन्वय – जैसे राशन, आधार, मनरेगा आदि सेवाओं से जोड़कर साक्षरता का लाभ बढ़ाना

🔶 पूर्व वर्ष की समीक्षा और उपलब्धियाँ

बैठक में वर्ष 2024–25 के कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने बताया कि 5000 असाक्षर व्यक्तियों की पहचान पूर्व में की गई थी। इसके अंतर्गत:


मार्च 2025 में आयोजित परीक्षा में 2664 असाक्षर व्यक्ति सम्मिलित हुए

सभी 2664 परीक्षा में सफल रहे

इससे साक्षरता दर में सकारात्मक वृद्धि देखी गई है

यह एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है, जो क्षेत्रीय ग्रामीण शिक्षा तंत्र और शैक्षणिक नेतृत्व की सफलता का परिचायक है।


🔶 आगामी सर्वेक्षण और परीक्षा की तैयारियाँ

बैठक में आगामी सितंबर 2025 में आयोजित होने वाली साक्षरता परीक्षा की तैयारी पर भी विशेष बल दिया गया। इसके अंतर्गत:


ग्राम स्तर पर प्रत्येक असाक्षर की व्यक्तिगत पहचान

नामांकन की प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ करने पर बल

पाठ्य-सामग्री समय पर उपलब्ध कराना

शिक्षकों और वालंटियरों को विशेष प्रशिक्षण देना

डिजिटल रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाना

🔶 योजनाओं का लाभ और सामाजिक समावेश

बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न जन-कल्याणकारी योजनाओं का लाभ तभी असाक्षरों को मिल सकता है जब वे पढ़ने-लिखने में सक्षम हों। इस हेतु यह तय किया गया कि:


साक्षरता से जोड़े जाने वालों को योजनाओं के लिए प्राथमिकता दी जाए

साक्षरता प्रमाणपत्र का उपयोग आधार लिंकिंग, बैंकिंग, मनरेगा जॉब कार्ड जैसी सेवाओं में किया जाए

महिला एवं बुजुर्ग असाक्षरों को विशेष सुविधा दी जाए

🔶 उल्लास शपथ का आयोजन

बैठक में सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री रविंद्रनाथ साय जी ने सभी प्रतिभागियों को “उल्लास शपथ” दिलाई। शपथ का उद्देश्य था कि सभी ग्राम साक्षरता प्रभारी यह संकल्प लें कि:


वे अपने-अपने ग्रामों को पूर्ण साक्षर बनाएंगे

असाक्षरों को शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराएंगे

नियमित रूप से शिक्षण और परीक्षण कराएंगे

नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को जनआंदोलन बनाएंगे

🔶 अधिकारीगणों का मार्गदर्शन

🔹 श्री दुर्गेश देवांगन (BEO)

श्री देवांगन जी ने कहा –


“साक्षरता केवल अक्षरज्ञान नहीं, आत्मगौरव और आत्मनिर्भरता का प्रथम सोपान है। हमें मिलकर कार्य करना होगा ताकि फरसाबाहर विकासखंड पूर्ण साक्षर बने।”


🔹 श्री दादू प्रसाद चंद्रा (परियोजना अधिकारी)

“नवभारत साक्षरता कार्यक्रम को हम केवल सरकारी योजना न मानें, यह सामाजिक आंदोलन है। हर पंचायत, हर घर, हर व्यक्ति तक पहुंचना हमारा दायित्व है।”


🔶 बैठक का समापन

बैठक का समापन सर्वसम्मति से लिए गए प्रस्तावों और समर्पित कार्य योजना के साथ हुआ। सभी प्रतिभागियों को प्रेरक पुस्तिकाएं, पंचांग एवं कार्य-सारणी प्रदान की गई। आगामी समीक्षा बैठक की तिथि भी तय की गई, ताकि प्रगति की निरंतर निगरानी की जा सके।


🔶 निष्कर्ष

विकासखंड फरसाबाहर में आयोजित यह बैठक न केवल प्रशासनिक दृष्टिकोण से सफल रही, बल्कि यह साक्षरता के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में एक ठोस और संगठित प्रयास था।


"उल्लास" अब केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि साक्षर भारत के उज्जवल भविष्य की ओर एक उत्सवपूर्ण कदम बनता जा रहा है। आशा है कि आने वाले समय में फरसाबाहर विकासखंड राज्य के सबसे साक्षर क्षेत्रों में अग्रणी होगा।


📌 विशेष सूचना:

आमजन से भी निवेदन है कि यदि आपके आसपास कोई असाक्षर व्यक्ति है, तो उसे इस अभियान से अवश्य जोड़ें। यह प्रयास केवल सरकारी नहीं, बल्कि सामाजिक उत्तरदायित्व भी है।



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